UP में आसमानी क़हर! 1 घंटे की बारिश में डूबी राजधानी लखनऊ, चित्रकूट-कानपुर में रिकॉर्ड-तोड़ बौछार, दर्जनों जिलों में High Alert!

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एक घंटे की बारिश और ‘Venice’ बन गई राजधानी लखनऊ!

शनिवार की सुबह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए आसमानी आफत लेकर आई। अभी शहर ठीक से जागा भी नहीं था कि मॉनसून के बादलों ने ऐसा क़हर बरपाया कि देखते ही देखते ‘नवाबों का शहर’ पानी-पानी हो गया। मात्र एक घंटे की मूसलाधार बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम और नगर निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी। सड़कें तालाब बन गईं, गाड़ियां पानी में डूब गईं और शहर की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। यह नज़ारा किसी बाढ़ग्रस्त इलाके से कम नहीं था, जहाँ स्मार्ट सिटी का सपना कागज़ की नाव की तरह बहता नज़र आया।

शहर के पॉश इलाकों से लेकर पुरानी बस्तियों तक, हर जगह एक ही कहानी थी – पानी, और सिर्फ पानी। हालात इतने खराब हो गए कि ऐशबाग जैसे प्रमुख इलाके में एक बिजली का खंभा प्रभावित हुआ और पूरी power system ही collapse कर गई, जिससे हज़ारों घर अंधेरे में डूब गए। यह सिर्फ बारिश नहीं थी; यह एक चेतावनी थी कि हमारे शहर क्लाइमेट चेंज की इन चरम घटनाओं के लिए कितने unprepared हैं। एक घंटे की बारिश ने जब राजधानी का यह हाल कर दिया, तो यह सोचना भी डरावना है कि अगर यह सिलसिला कई घंटों तक चलता तो क्या होता।

चित्रकूट-कानपुर में मॉनसून का All-Time High, टूटे सारे रिकॉर्ड!

अगर आपको लगता है कि क़हर सिर्फ लखनऊ पर बरपा, तो आप गलत हैं। प्रदेश के दूसरे हिस्सों से जो खबरें आ रही हैं, वे और भी ज़्यादा चिंताजनक हैं। चित्रकूट और कानपुर जिलों में मॉनसून ने इस साल अपने सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। यहाँ हुई बारिश को मौसम वैज्ञानिक ‘record-breaking’ बता रहे हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है और निचले इलाकों में पानी भरने से हाहाकार मचा हुआ है।

यह कोई सामान्य मॉनसूनी बारिश नहीं है। यह एक extreme weather event है, जिसका पैटर्न पिछले कुछ सालों से लगातार देखने को मिल रहा है। चित्रकूट, जो अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए जाना जाता है, आज पानी की मार झेल रहा है। वहीं, प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में भी हालात बेकाबू हैं। इन जिलों से आ रही तस्वीरें यह बताने के लिए काफी हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है और प्रशासनिक मशीनरी के लिए यह कितनी बड़ी चुनौती है।

मौसम विभाग की सीधी चेतावनी: UP के 12 जिलों पर अगले 24 घंटे भारी!

इस बीच, मौसम विभाग (Meteorological Department) ने जो चेतावनी जारी की है, वह डर को और बढ़ा रही है। विभाग ने प्रदेश के लगभग 12 जिलों के लिए भारी से बहुत भारी बारिश का ‘High Alert’ जारी किया है। इनमें बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र और कानपुर प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान सिर्फ अगले 24 घंटों के लिए नहीं है। चेतावनी यह है कि यह सिलसिला अगले पूरे हफ्ते तक जारी रह सकता है। इसका मतलब है कि राहत की उम्मीद फिलहाल दूर-दूर तक नहीं है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे गैर-जरूरी यात्रा से बचें, जलभराव वाले इलाकों में न जाएं और बिजली के खंभों और तारों से दूर रहें। यह अलर्ट साफ़ संकेत दे रहा है कि आने वाले दिन उत्तर प्रदेश के लिए बहुत मुश्किल भरे हो सकते हैं।

यह अचानक नहीं, अलीगढ़-मुरादाबाद से मिल रहे थे संकेत

उत्तर प्रदेश में मॉनसून का यह रौद्र रूप अचानक नहीं है। इसके संकेत पिछले हफ्ते से ही मिल रहे थे। इसी सोमवार, 8 जुलाई को, अलीगढ़ और मुरादाबाद में भारी बारिश ने ‘havoc’ (तबाही) मचाई थी, जिसके बाद मौसम विभाग ने 10 जिलों के लिए ‘Yellow Alert’ जारी किया था। लेकिन ऐसा लगता है कि इन चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया गया।

29 जून के आसपास कानपुर में मॉनसूनी हवाओं के सक्रिय होने के बाद से ही प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश हो रही थी। लेकिन अब मॉनसून अपने पूरे उफान पर है। एक के बाद एक जिलों का इस तरह से प्रभावित होना यह बताता है कि यह एक व्यापक मौसमी घटना है, जिससे निपटने के लिए एक बड़ी और समन्वित योजना की ज़रूरत है। लेकिन लखनऊ की तस्वीरें देखकर यह सवाल उठता है – क्या हमारा सिस्टम इस चुनौती के लिए तैयार है? एक घंटे की बारिश में जब राजधानी का यह हाल है, तो उन छोटे शहरों और गांवों की स्थिति क्या होगी, जो पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं? यह सवाल आज हर उत्तर प्रदेश वासी के मन में है।

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