Jio IPO पर लगा ब्रेक! 10 लाख करोड़ के Mega IPO पर Ambani ने क्यों खींचे हाथ? जानें पूरी कहानी

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भारतीय शेयर बाज़ार के इतिहास के सबसे बड़े Initial Public Offering (IPO) का इंतज़ार कर रहे लाखों निवेशकों के लिए एक चौंकाने वाली ख़बर आई है। अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम और डिजिटल Juggernaut, Reliance Jio, का जिस Mega IPO का सबको बेसब्री से इंतज़ार था, उस पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। सूत्रों के हवाले से आई ख़बरों ने पुष्टि की है कि 2025 में Jio को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराने की योजना अब ठंडे बस्ते में चली गई है और इस साल यह लिस्टिंग ‘Not on the cards’ है।

यह ख़बर किसी झटके से कम नहीं है, क्योंकि महज़ कुछ महीने पहले, नवंबर 2024 में, यही कहा जा रहा था कि अंबानी ने Jio के IPO के लिए कमर कस ली है और 2025 में यह बाज़ार में दस्तक देगा। इस IPO का अनुमानित आकार 10 लाख करोड़ रुपये ($120 बिलियन) से भी ज़्यादा आंका जा रहा था। तो फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि Reliance ने अपने कदम पीछे खींच लिए? इस बड़े U-turn के पीछे की कहानी क्या है और इसका निवेशकों पर क्या असर पड़ेगा? आइए, इस Exclusive कहानी की गहराई में उतरते हैं।

## 2025 की बड़ी उम्मीद से ‘Not on Cards’ तक का सफ़र

इस कहानी को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे, नवंबर 2024 में जाना होगा। उस समय, Financial Media में यह ख़बर ज़ोरों पर थी कि Reliance Industries ने अपनी टेलीकॉम इकाई, Reliance Jio Infocomm Ltd, के IPO के लिए अपनी योजना को ‘Firm up’ कर लिया है। अनाम ‘सूत्रों’ के हवाले से कहा गया था कि कंपनी ने आंतरिक रूप से यह मान लिया है कि उसने अब एक ‘Stable’ यानी स्थिर स्थिति हासिल कर ली है, जो एक पब्लिक ऑफरिंग के लिए ज़रूरी है। इस ख़बर ने बाज़ार में ज़बरदस्त उत्साह भर दिया था। निवेशक भारत के सबसे बड़े IPO का हिस्सा बनने के लिए अपनी पूंजी तैयार कर रहे थे।

लेकिन महज़ सात-आठ महीने बाद, जुलाई 2025 में, पूरी कहानी 180 डिग्री घूम गई। एक के बाद एक कई मीडिया रिपोर्ट्स ने, फिर से ‘सूत्रों’ का हवाला देते हुए, यह दावा करना शुरू कर दिया कि Reliance Jio ने अपने IPO प्लान को Delay कर दिया है। साफ़ शब्दों में कहा गया कि 2025 में लिस्टिंग की योजना अब रद्द हो गई है। यह विरोधाभास हैरान करने वाला है। एक तरफ़ जहाँ भारतीय Primary Market में Confidence लौट रहा है और इन्वेस्टमेंट बैंकर्स जुलाई में ही $2.4 बिलियन के IPO आने की उम्मीद कर रहे थे, वहीं सबसे बड़े खिलाड़ी ने ही अपने पैर पीछे खींच लिए।

## 10 लाख करोड़ का सपना: क्यों था यह इतना बड़ा मौका?

Jio IPO को लेकर इतना उत्साह क्यों था? इसकी वजह थी इसका विशाल आकार और Valuation. इसका अनुमानित मूल्यांकन 10 लाख करोड़ रुपये, यानी लगभग $120 बिलियन, को पार कर रहा था। यह न केवल इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा IPO बना देता, बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े टेक IPOs की लिस्ट में भी शामिल हो जाता।

Jio सिर्फ एक टेलीकॉम कंपनी नहीं है। यह Reliance Jio Platforms का हिस्सा है, जो एक विशाल Digital Ecosystem है। इसमें टेलीकॉम के अलावा ई-कॉमर्स, कंटेंट स्ट्रीमिंग, पेमेंट सर्विसेज़ और कई अन्य डिजिटल वर्टिकल्स शामिल हैं। इस IPO का मतलब था आम निवेशकों के लिए भारत की सबसे बड़ी डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनने का सीधा मौका। इसने 2016 में अपनी लॉन्चिंग के बाद से पूरे टेलीकॉम सेक्टर को बदल कर रख दिया था। इस IPO से मिलने वाली पूंजी का इस्तेमाल 5G नेटवर्क के विस्तार, नए टेक्नोलॉजी में निवेश और क़र्ज़ चुकाने के लिए किया जाना था। लेकिन अब इन सब पर एक अनिश्चितता का पर्दा पड़ गया है।

## Delay के पीछे की वजहें: क्या है Ambani का अगला कदम?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि आख़िर IPO को टाला क्यों गया? आधिकारिक तौर पर Reliance ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है, इसलिए अभी सिर्फ़ अटकलें ही लगाई जा सकती हैं। कुछ संभावित वजहें हो सकती हैं:

1. **रणनीतिक बदलाव (Strategic Shift):** Jio IPO टलने की ख़बर उसी समय आई जब Reliance ने अपनी Consumer Goods Business को एक नई यूनिट में Spin off करने का ऐलान किया। हो सकता है कि कंपनी फ़िलहाल अपने रिटेल और FMCG कारोबार को मज़बूत करने पर ज़्यादा ध्यान देना चाहती हो और IPO के लिए सही समय का इंतज़ार कर रही हो।

2. **बाज़ार की अनिश्चितता:** भले ही कुल मिलाकर IPO मार्केट में सुधार दिख रहा हो, लेकिन $120 बिलियन जैसे विशाल IPO के लिए बाज़ार की गहराई और स्थिरता का पूरी तरह से अनुकूल होना ज़रूरी है। हो सकता है मैनेजमेंट को लगे कि मौजूदा हालात इतने बड़े इश्यू को पूरी तरह Absorb करने के लिए सही नहीं हैं।

3. **Valuation की चिंता:** कंपनियाँ अक्सर बेहतर Valuation के लिए सही समय का इंतज़ार करती हैं। संभव है कि Reliance को लगे कि कुछ समय और इंतज़ार करने से Jio Platforms का मूल्यांकन और भी बेहतर हो सकता है, जिससे IPO से और ज़्यादा फ़ंड जुटाया जा सके।

4. **आंतरिक पुनर्गठन:** Reliance एक विशाल समूह है जिसमें लगातार पुनर्गठन चलता रहता है। हाल ही में Jio BlackRock जैसे Joint Venture का ऐलान भी हुआ है, जो Asset Management सेक्टर में उतर रहा है। हो सकता है कंपनी IPO से पहले अपने सभी डिजिटल और फाइनेंशियल सर्विसेज़ को और बेहतर तरीक़े से संगठित करना चाहती हो।

## निवेशकों और बाज़ार पर क्या होगा असर?

Jio IPO के टलने का सबसे बड़ा असर उन लाखों निवेशकों पर पड़ेगा जो इसमें निवेश का सपना देख रहे थे। उन्हें अब और इंतज़ार करना होगा। बाज़ार के लिए भी यह एक निराशाजनक ख़बर है, क्योंकि Jio IPO से बाज़ार में एक नई ऊर्जा आने की उम्मीद थी।

हालाँकि, यह समझना भी ज़रूरी है कि IPO में देरी का मतलब यह नहीं है कि यह कभी नहीं आएगा। Reliance अपने रणनीतिक फ़ैसलों के लिए जाना जाता है। मुकेश अंबानी हमेशा सही समय पर सही दांव खेलने में विश्वास रखते हैं। यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहाँ कंपनी IPO से पहले अपनी सभी इकाइयों को मज़बूत करना चाहती है ताकि जब भी IPO आए, तो वह धमाकेदार सफलता हासिल करे।

निष्कर्ष यह है कि भारत के सबसे बड़े IPO का इंतज़ार और लंबा हो गया है। ‘कब आएगा Jio IPO?’ यह सवाल एक बार फिर बाज़ार में गूंजने लगा है। जब तक Reliance की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक निवेशकों को इंतज़ार करना होगा और कंपनी के अगले कदम पर नज़र रखनी होगी।

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