Actor Prakash Raj ने अपने ‘OG’ co-star Pawan Kalyan के Hindi भाषा को बढ़ावा देने वाले बयान को ‘शर्मनाक’ (shameful) बताया है।”, “Pawan Kalyan ने कहा था कि ‘अगर Telugu हमारी मां है, तो Hindi हमारी पेडम्मा (बड़ी मौसी) की तरह है’, जिस पर विवाद खड़ा हो गया।”, “Prakash Raj ने social media पर तंज कसते हुए पूछा, ‘इतने में बिक रहे हो?’, जिससे भाषा को लेकर दक्षिण भारत में एक नई बहस छिड़ गई है।”, “इस public feud के बाद Pawan Kalyan के fans ने Prakash Raj को जमकर troll करना शुरू कर दिया है, जिससे मामला और गरमा गया है।
भाषा पर संग्राम: जब दो सितारे आपस में भिड़े
हैदराबाद। भारतीय सिनेमा, खासकर दक्षिण भारतीय सिनेमा, में भाषा को लेकर बहस कोई नई बात नहीं है। यह एक संवेदनशील मुद्दा है जो अक्सर राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप ले लेता है। लेकिन जब यह बहस दो बड़े सितारों के बीच public platform पर आ जाए, तो यह एक बड़ा विवाद बन जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है ‘OG’ फिल्म के co-stars, Prakash Raj और Pawan Kalyan के बीच। एक तरफ हैं ‘Power Star’ Pawan Kalyan, जिनका राजनीति और सिनेमा में बड़ा कद है, और दूसरी तरफ हैं versatile actor Prakash Raj, जो अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। दोनों के बीच यह जंग Pawan Kalyan के उस बयान के बाद शुरू हुई जिसमें उन्होंने दक्षिण भारतीय राज्यों में Hindi भाषा सीखने की वकालत की।यह विवाद सिर्फ़ दो अभिनेताओं के बीच की असहमति नहीं है, बल्कि यह दक्षिण भारत में चल रही एक गहरी cultural debate का प्रतिबिंब है। Pawan Kalyan के बयान को जहाँ कुछ लोग देश की एकता के लिए ज़रूरी कदम बता रहे हैं, वहीं Prakash Raj जैसे आलोचक इसे अपनी भाषाई पहचान पर हमला और एक तरह का ‘compromise’ मान रहे हैं। Social media पर शुरू हुई यह लड़ाई अब news headlines का हिस्सा बन चुकी है, और Pawan Kalyan के fans के मैदान में कूदने से यह और भी ज़्यादा personal हो गई है।
Pawan Kalyan का वो बयान जिसने आग लगा दी
यह सारा विवाद जुलाई 2025 में हुए एक event से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, Pawan Kalyan ने Hindi भाषा के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि Hindi भारत में एक ‘unifying role’ निभाती है। अपनी बात को और सरल बनाने के लिए उन्होंने एक analogy का इस्तेमाल किया, जो अब विवाद का केंद्र बन गई है। उन्होंने कहा, \”अगर Telugu हमारी मां है, तो Hindi हमारी पेडम्मा (मां की बड़ी बहन या बड़ी मौसी) की तरह है।\”पहली नज़र में, यह बयान राष्ट्रभाषा के सम्मान की बात करता नज़र आता है। Pawan Kalyan का इरादा शायद यह दिखाने का था कि अपनी मातृभाषा का सम्मान करते हुए भी हमें राष्ट्रीय स्तर पर संवाद के लिए Hindi को अपनाना चाहिए। लेकिन उनके इस बयान की व्याख्या अलग-अलग तरीकों से की गई। उनके आलोचकों, खासकर Prakash Raj ने इसे अपनी मातृभाषा Telugu के दर्जे को कम करने की कोशिश के रूप में देखा। ‘पेडम्मा’ वाली analogy को कई लोगों ने condescending माना, जैसे कि Telugu भाषा को Hindi के सामने छोटा दिखाया जा रहा हो। यहीं से विवाद की चिंगारी भड़की।
Prakash Raj का ‘Shameful’ हमला और ‘#JustAsking’ Campaign
जैसे ही Pawan Kalyan का बयान public domain में आया, उनके ‘OG’ co-star Prakash Raj ने मोर्चा खोल दिया। Prakash Raj ने social media का सहारा लेते हुए Pawan Kalyan पर तीखा हमला बोला। उन्होंने Pawan Kalyan के बयान को सीधे-सीधे ‘shameful’ यानी शर्मनाक करार दिया।उन्होंने अपने signature style ‘#justasking’ hashtag के साथ कई posts किए। एक post में उन्होंने लिखा, \”इतने में बिक रहे हो? ছি ছি… शर्मनाक!\” (Selling yourself for this amount? Chi Chi.. Shameful!)। इस बयान में Prakash Raj ने सीधे-सीधे Pawan Kalyan की नीयत पर सवाल उठाया। उनका इशारा था कि Pawan Kalyan शायद किसी राजनीतिक फायदे या किसी agenda के तहत यह बयान दे रहे हैं। ‘बिकने’ जैसे शब्द का इस्तेमाल करके उन्होंने इस पूरे मामले को एक personal और अपमानजनक मोड़ दे दिया।Prakash Raj का यह हमला सिर्फ़ भाषा की बहस तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने Pawan Kalyan के political ambitions पर भी निशाना साधा। उनका यह कहना कि ‘क्या तुम खुद को बेच रहे हो?’ यह दिखाता है कि वह इसे सिर्फ़ एक भाषाई बयान नहीं, बल्कि एक political move के तौर पर देख रहे हैं। इस public takedown ने south film industry में हलचल मचा दी और दोनों सितारों के बीच की दरार को जगज़ाहिर कर दिया।
Fans की जंग: Social Media पर Troll Army का हमला
जैसे ही Prakash Raj ने Pawan Kalyan पर हमला बोला, Power Star के fans आग-बबूला हो गए। Social media पर एक war छिड़ गई। Pawan Kalyan के समर्थक Prakash Raj को जमकर troll करने लगे। उनके खिलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और उन्हें ‘मौकापरस्त’ और ‘attention-seeker’ जैसे नामों से पुकारा जाने लगा।Reports के मुताबिक, Great Andhra जैसी news websites ने कवर किया कि कैसे Pawan Kalyan के fans ने Prakash Raj को ‘bash’ किया। Fans का तर्क था कि Prakash Raj जानबूझकर Pawan Kalyan को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वह उनकी लोकप्रियता से जलते हैं। कुछ ने तो 2014 के ‘Tirupati Laddu Controversy’ का भी ज़िक्र किया, जिसमें दोनों के बीच पहले भी मतभेद की खबरें आई थीं, हालांकि उस विवाद की पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।यह fan war दिखाती है कि दक्षिण भारत में सितारे सिर्फ़ अभिनेता नहीं होते, उनके fans उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। अपने ‘hero’ के खिलाफ़ एक भी शब्द उन्हें बर्दाश्त नहीं होता। इस मामले में भी, fans ने भाषा की बहस को दरकिनार कर इसे Prakash Raj vs Pawan Kalyan की personal लड़ाई बना दिया, जिससे असल मुद्दा कहीं पीछे छूट गया।
एक गहरा सवाल: भाषा, पहचान और राजनीति
इस पूरे विवाद के केंद्र में एक गहरा और संवेदनशील सवाल है: भारत जैसे विविधता भरे देश में भाषा की भूमिका क्या होनी चाहिए? क्या एक राष्ट्रभाषा का विचार क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान के लिए खतरा है? Pawan Kalyan का नज़रिया ‘national unity’ का है, जबकि Prakash Raj का नज़रिया ‘linguistic pride’ और cultural identity का है।यह लड़ाई सिर्फ़ इन दो सितारों की नहीं है। यह उस विचारधारा की लड़ाई है जो दशकों से दक्षिण भारत में चलती आ रही है। Hindi को थोपने (Hindi imposition) का डर हमेशा से एक बड़ा राजनीतिक और भावनात्मक मुद्दा रहा है। Prakash Raj की प्रतिक्रिया उसी डर और नाराज़गी को आवाज़ देती है। वहीं, Pawan Kalyan का बयान उस नई पीढ़ी की सोच को दर्शाता है जो मानती है कि globalised दुनिया में आगे बढ़ने के लिए multiple languages सीखना ज़रूरी है।’OG’ फिल्म में दोनों को एक साथ पर्दे पर देखना अब और भी दिलचस्प होगा। पर्दे के पीछे की यह कड़वाहट क्या पर्दे पर उनकी chemistry को प्रभावित करेगी? फिलहाल, यह विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है। यह एक reminder है कि भारत में, भाषा सिर्फ़ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि पहचान, सम्मान और राजनीति का एक शक्तिशाली हथियार भी है।