Middlesex में संकट का दौर: अब कप्तानी में बड़ा फेरबदल
इंग्लिश काउंटी क्रिकेट के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित क्लबों में से एक, मिडलसेक्स (Middlesex), इस वक़्त एक अभूतपूर्व संकट और ‘मिड-सीजन उथल-पुथल’ (mid-season upheaval) के दौर से गुज़र रहा है। क्लब के अंदर चल रही खलबली अब सतह पर आ गई है, और इसका सबसे बड़ा असर टीम के लीडरशिप स्ट्रक्चर पर पड़ा है। पहले हेड कोच रिचर्ड जॉनसन और फिर दिग्गज बैटिंग कंसलटेंट मार्क रामप्रकाश ने क्लब का साथ छोड़ा, और अब इसी कड़ी में एक और बड़ा फैसला लेते हुए क्लब मैनेजमेंट ने टीम के कप्तानों को भी बदल दिया है।
30 वर्षीय बल्लेबाज़ ल्यूस डु प्लॉय (Leus du Plooy) को तत्काल प्रभाव (immediate effect) से काउंटी चैंपियनशिप और T20 ब्लास्ट, दोनों अभियानों के लिए टीम का नया कप्तान घोषित किया गया है। यह फैसला सिर्फ एक रूटीन बदलाव नहीं है, बल्कि यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मिडलसेक्स अपने इस सीज़न को बचाने के लिए कड़े और साहसिक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा। बुधवार को हैम्पशायर हॉक्स (Hampshire Hawks) के खिलाफ होने वाले T20 ब्लास्ट मुकाबले में डु प्लॉय पहली बार टीम की कप्तानी करते नज़र आएंगे। यह उनके लिए एक अग्निपरीक्षा की तरह होगा, जहाँ उन पर न सिर्फ टीम को जिताने का, बल्कि इस पूरे संकट के बीच टीम का मनोबल ऊंचा रखने का भी भारी दबाव होगा।
सिर्फ कप्तान नहीं, पूरा Leadership Structure बदला
मिडलसेक्स में जो हो रहा है, उसे सिर्फ एक कप्तानी का बदलाव कहना स्थिति को कम आंकने जैसा होगा। यह एक पूरा ‘लीडरशिप ओवरहॉल’ है। इस फेरबदल की शुरुआत कुछ समय पहले हुई जब हेड कोच रिचर्ड जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके जाने के बाद, टीम के बैटिंग कंसलटेंट और इंग्लैंड के पूर्व महान बल्लेबाज़ मार्क रामप्रकाश ने भी क्लब छोड़ दिया। मैनेजमेंट के इन दो बड़े स्तंभों के जाने से क्लब के भीतर पहले से ही एक खालीपन और अनिश्चितता का माहौल था।
अब, इस उथल-पुथल को एक नए स्तर पर ले जाते हुए, मैनेजमेंट ने मैदान पर भी लीडरशिप को पूरी तरह से बदल दिया है। डु प्लॉय की नियुक्ति का मतलब है कि काउंटी चैंपियनशिप में टीम की कप्तानी कर रहे रोलैंड-जोन्स और T20 ब्लास्ट में कमान संभाल रहे एस्किनाज़ी, दोनों को उनके पदों से हटा दिया गया है। एक ही सीज़न के बीच में दो अलग-अलग फॉर्मेट के कप्तानों को हटाकर एक ही खिलाड़ी को दोनों की ज़िम्मेदारी सौंपना, यह दर्शाता है कि क्लब एक नई दिशा और एक नई आवाज़ की सख्त तलाश में है। यह एक हाई-रिस्क, हाई-रिवॉर्ड वाला दांव है। अगर डु प्लॉय सफल होते हैं, तो यह एक मास्टरस्ट्रोक कहलाएगा, लेकिन अगर टीम का प्रदर्शन नहीं सुधरा, तो क्लब पर और भी गहरे सवाल उठेंगे।
कौन हैं Leus du Plooy? क्या डूबती नैया को पार लगा पाएंगे?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर ल्यूस डु प्लॉय कौन हैं, जिन पर मिडलसेक्स ने इतना बड़ा दांव लगाया है? 30 वर्षीय डु प्लॉय एक प्रतिभाशाली बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं, जो अपनी आक्रामक और स्थिर बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पिछले कुछ सीज़न में काउंटी सर्किट पर लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर प्रदर्शन करना और एक संकटग्रस्त टीम की कप्तानी करना, दो बिल्कुल अलग बातें हैं।
डु प्लॉय के कंधों पर अब एक दोहरी और बेहद चुनौतीपूर्ण ज़िम्मेदारी है। उन्हें न केवल बल्ले से रन बनाने होंगे, बल्कि ड्रेसिंग रूम के माहौल को भी संभालना होगा। एक ऐसा ड्रेसिंग रूम जहाँ से हाल ही में कोच और कंसलटेंट गए हैं, और जहाँ पुराने कप्तानों को हटाया गया है। ऐसे में टीम के खिलाड़ियों का मनोबल बनाए रखना और उन्हें एक यूनिट के रूप में एकजुट करना, डु प्लॉय की सबसे बड़ी चुनौती होगी। उनकी लीडरशिप की असली परीक्षा इसी बात में होगी कि वह कैसे इस दबाव को झेलते हैं और कैसे टीम को एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। क्या वह एक ऐसे लीडर साबित होंगे जो मुश्किल समय में टीम को प्रेरित कर सके? इसका जवाब तो आने वाले मैच ही देंगे।
आगे की राह: Middlesex के लिए अब ‘करो या मरो’ की स्थिति
मिडलसेक्स के लिए यह सीज़न अब ‘करो या मरो’ की स्थिति में पहुँच गया है। काउंटी चैंपियनशिप और T20 ब्लास्ट, दोनों ही टूर्नामेंट्स में टीम का प्रदर्शन अब तक उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। मैनेजमेंट द्वारा किए गए ये बड़े बदलाव इसी हताशा का परिणाम हैं। वे किसी भी कीमत पर इस सीज़न के परिणामों को बदलना चाहते हैं।
इस लीडरशिप ओवरहॉल का उद्देश्य टीम में एक नई सोच और नई रणनीति लाना है। उम्मीद की जा रही है कि डु प्लॉय के नेतृत्व में टीम मैदान पर ज़्यादा निडर और पॉजिटिव क्रिकेट खेलेगी। लेकिन यह राह आसान नहीं है। उन्हें एक ऐसी टीम को संभालना है जो आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है। उनका पहला काम टीम में यह विश्वास वापस लाना होगा कि वे मैच जीत सकते हैं।
आने वाले कुछ हफ़्ते मिडलसेक्स क्रिकेट क्लब के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होंगे। पूरी दुनिया की नज़रें ल्यूस डु प्लॉय और उनकी टीम पर होंगी। क्या यह बड़ा जुआ मिडलसेक्स की किस्मत बदल पाएगा? या यह संकट और भी गहरा हो जाएगा? इंग्लिश क्रिकेट के गलियारों में फिलहाल यही सबसे बड़ा सवाल है।