JoSAA Round 5 Result 2025: IIT-NIT में एडमिशन का इंतज़ार खत्म, पांचवें राउंड की सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी, josaa.nic.in पर करें चेक

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नई दिल्ली: देश के लाखों इंजीनियरिंग aspirants के लिए आज का दिन बेहद अहम है। जॉइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA) ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया के पांचवें राउंड (Round 5) के सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट जारी कर दिया है। 11 जुलाई 2025 को शाम 5 बजे यह रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट josaa.nic.in पर उपलब्ध करा दिया गया। इस घोषणा के साथ ही देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन पाने की जद्दोजहद अपने अगले पड़ाव पर पहुंच गई है। जिन छात्रों ने इस काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लिया था, वे अब यह देख सकते हैं कि उनकी रैंक और पसंद के आधार पर उन्हें कौन सा कॉलेज और ब्रांच आवंटित हुई है।

कैसे चेक करें अपना JoSAA Round 5 का रिजल्ट?

JoSAA ने रिजल्ट देखने की प्रक्रिया को काफी सरल रखा है। जो छात्र अपना सीट अलॉटमेंट स्टेटस जानना चाहते हैं, उन्हें नीचे दिए गए steps को फॉलो करना होगा:

  1. सबसे पहले JoSAA की आधिकारिक वेबसाइट josaa.nic.in पर जाएं।
  2. Homepage पर आपको ‘View Seat Allotment Result – Round 5’ या इससे मिलता-जुलता एक लिंक दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें।
  3. एक नया लॉगिन पेज खुलेगा। यहां आपको अपना JEE (Main) का एप्लीकेशन नंबर, पासवर्ड और दिया गया सिक्योरिटी पिन (captcha) दर्ज करना होगा।
  4. सभी डिटेल्स भरने के बाद ‘Login’ बटन पर क्लिक करें।
  5. आपका सीट अलॉटमेंट रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा। इसमें आपको आवंटित संस्थान (IIT, NIT, IIIT या GFTI) और ब्रांच की जानकारी मिलेगी।
  6. भविष्य के लिए इस अलॉटमेंट लेटर को डाउनलोड करें और उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

यह रिजल्ट उन हजारों छात्रों के भविष्य को आकार देगा जो देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे 23 इंडियन इंस्टिट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs), 31 नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी (NITs), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIEST), शिबपुर और अन्य सेंट्रली फंडेड टेक्निकल इंस्टिट्यूट्स (CFTIs) में एडमिशन का सपना देख रहे हैं। JoSAA कुल मिलाकर 127 संस्थानों के लिए यह केंद्रीकृत काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित कर रहा है।

सीट मिल गई? तो अब आगे क्या?

सिर्फ सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट देख लेना ही काफी नहीं है। जिन छात्रों को Round 5 में पहली बार कोई सीट आवंटित हुई है, या जिनकी सीट पिछले राउंड से upgrade हुई है, उनके लिए अगला कदम सबसे महत्वपूर्ण है। उन्हें ‘Online Reporting’ की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से तीन विकल्प होते हैं:

  • Freeze: अगर आप अपनी आवंटित सीट से पूरी तरह संतुष्ट हैं और आगे के राउंड में हिस्सा नहीं लेना चाहते, तो आप ‘Freeze’ का विकल्प चुन सकते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी सीट पक्की कर रहे हैं।
  • Float: अगर आप आवंटित सीट को सुरक्षित रखते हुए इससे बेहतर सीट के लिए आगे के राउंड्स में भी शामिल होना चाहते हैं, तो आप ‘Float’ का विकल्प चुन सकते हैं। अगर आपको अगले राउंड में कोई बेहतर सीट मिलती है, तो आपकी पिछली सीट स्वतः रद्द हो जाएगी।
  • Slide: यदि आप आवंटित संस्थान से खुश हैं लेकिन उसी संस्थान में अपनी पसंद की कोई बेहतर ब्रांच चाहते हैं, तो आप ‘Slide’ का विकल्प चुन सकते हैं।

इन विकल्पों को चुनने के साथ ही छात्रों को सीट एक्सेप्टेंस फीस का भुगतान करना होगा और अपने जरूरी डॉक्यूमेंट्स (जैसे 10वीं-12वीं की मार्कशीट, कैटेगरी सर्टिफिकेट आदि) को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया एडमिशन को कन्फर्म करने के लिए अनिवार्य है।

JoSAA काउंसलिंग प्रक्रिया का महत्व

JoSAA काउंसलिंग एक केंद्रीकृत मंच है जो देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाता है। पहले छात्रों को अलग-अलग कॉलेजों के लिए अलग-अलग आवेदन करना पड़ता था, जिससे प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी हो जाती थी। JoSAA ने इस प्रक्रिया को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाकर छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। छात्र अपनी JEE (Main) और JEE (Advanced) की रैंक के आधार पर एक ही जगह से सैकड़ों कॉलेज और ब्रांच के विकल्पों में से चुनाव कर सकते हैं।

काउंसलिंग प्रक्रिया कई राउंड में चलती है ताकि सीटों का अधिकतम उपयोग हो सके और योग्य छात्रों को उनकी रैंक के अनुसार सबसे बेहतर विकल्प मिल सके। Round 5 इस प्रक्रिया का एक अहम पड़ाव है, लेकिन यह अंत नहीं है। इसके बाद भी कुछ और राउंड होंगे, और IITs तथा NITs के लिए आखिरी राउंड 16 जुलाई 2025 को निर्धारित है।

जिन छात्रों को इस राउंड में सीट नहीं मिली है, उन्हें निराश होने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें अगले राउंड का इंतज़ार करना चाहिए, क्योंकि कई छात्र अपनी सीटें अपग्रेड कराते हैं या एडमिशन वापस लेते हैं, जिससे सीटें खाली होती हैं। धैर्य और सही रणनीति के साथ, वे अभी भी अपने सपनों के कॉलेज में पहुंच सकते हैं।

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