बड़ा Refund Claim किया? तो इस साल पैसा मिलना मुश्किल!
नई दिल्ली। अगर आपने इस साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है और एक बड़े रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है। इनकम टैक्स विभाग इस बार Assessment Year (AY) 2025-26 के लिए रिफंड जारी करने में बेहद सख्ती बरत रहा है। सूत्रों और टैक्स विशेषज्ञों की मानें तो, अगर आपका रिफंड अमाउंट असामान्य रूप से बड़ा है या आपके पिछले सालों के टैक्स मामलों में कोई भी गड़बड़ी है, तो हो सकता है कि इस साल आपको रिफंड का पैसा मिले ही नहीं।
Financial Year 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की प्रक्रिया अभी चल रही है, लेकिन विभाग के बदले हुए रुख ने लाखों ईमानदार करदाताओं की चिंता बढ़ा दी है। विभाग का नया मंत्र साफ है – ‘पहले पुराने हिसाब चुकता करो, फिर नए रिफंड की उम्मीद करो’। यह एक बड़ा policy shift है, जो दिखाता है कि टैक्स विभाग अब केवल मौजूदा साल के रिटर्न पर ही नहीं, बल्कि एक टैक्सपेयर की पूरी टैक्स हिस्ट्री पर नजर रख रहा है। जिन लोगों के रिटर्न जांच के दायरे में आ गए हैं, उनका रिफंड अनिश्चित काल के लिए अटक सकता है, जिससे उनकी वित्तीय योजनाएं गड़बड़ा सकती हैं।
क्यों हो रही है Refund में देरी? जानिए दो बड़ी वजहें
इनकम टैक्स विभाग के इस सख्त रवैये के पीछे मुख्य रूप से दो कारण बताए जा रहे हैं, जो हर टैक्सपेयर को समझना जरूरी है।
**1. असामान्य रूप से बड़े Refund Claims पर नजर**
पहली और सबसे बड़ी वजह है बड़े रिफंड क्लेम। विभाग के ऑटोमेटेड सिस्टम अब ऐसे सभी ITR को फ्लैग कर रहे हैं, जिनमें रिफंड की राशि बहुत ज्यादा है। हालांकि विभाग ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है कि ‘असामान्य रूप से बड़ा’ रिफंड किसे माना जाएगा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आपका रिफंड आपकी घोषित आय का एक बड़ा प्रतिशत है या पिछले वर्षों की तुलना में बहुत अधिक है, तो यह सिस्टम की नजर में आ सकता है। ऐसे मामलों को सीधे जांच (investigation) या स्क्रूटनी (scrutiny) के लिए भेजा जा रहा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कहीं फर्जी डिडक्शन या गलत जानकारी देकर तो रिफंड क्लेम नहीं किया गया है।
**2. पुराने मामले और Pending Assessments**
दूसरी वजह और भी महत्वपूर्ण है। टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार, इनकम टैक्स विभाग अब AY 2025-26 का रिफंड जारी करने से पहले टैक्सपेयर के पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहा है। अगर आपके किसी भी पिछले Assessment Year का कोई मामला पेंडिंग है, कोई टैक्स डिमांड निकली हुई है जिसका आपने भुगतान नहीं किया है, या कोई नोटिस आया था जिसका आपने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो आपका मौजूदा रिफंड रोक दिया जाएगा। विभाग पहले उन पुराने मामलों को निपटाएगा और उसके बाद ही आपके नए रिफंड पर कोई फैसला लेगा। यह Income Tax Act, 1961 के प्रावधानों के तहत किया जा रहा है, जो विभाग को ऐसा करने का अधिकार देता है।
कैसे जानें अपने Refund का Status? समझें इन शब्दों का मतलब
रिफंड में हो रही देरी के बीच, यह जरूरी है कि आप अपने ITR रिफंड का स्टेटस नियमित रूप से चेक करते रहें। स्टेटस चेक करते समय आपको कुछ खास तरह के मैसेज दिख सकते हैं। ICICI Bank, जो एक ‘refund banker’ के तौर पर भी काम करता है, के अनुसार इन स्टेटस का मतलब समझना जरूरी है:
* **Determined yet to be shared with the refund banker:** अगर आपको यह स्टेटस दिख रहा है, तो इसका मतलब है कि विभाग ने आपके रिफंड क्लेम को अभी तक प्रोसेस नहीं किया है। आपकी फाइल पर अभी भी जांच या स्क्रूटनी पेंडिंग हो सकती है और इसे रिफंड के लिए मंजूरी नहीं मिली है।
* **Determined and sent to refund banker:** यह एक अच्छी खबर है। इसका मतलब है कि इनकम टैक्स विभाग ने आपके रिफंड क्लेम को स्वीकार कर लिया है और भुगतान के लिए जानकारी आपके बैंक (refund banker) को भेज दी है। इसके बाद कुछ ही दिनों में पैसा आपके अकाउंट में आ जाना चाहिए।
अगर आपका स्टेटस महीनों तक पहले वाले विकल्प पर ही अटका हुआ है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपका रिटर्न जांच के दायरे में है।
Taxpayers में चिंता, अब आगे क्या करें?
विभाग के इस नए और सख्त रवैये से टैक्सपेयर्स में चिंता का माहौल है। कई लोग, जिन्होंने घर खरीदने, लोन चुकाने या अन्य जरूरतों के लिए रिफंड के पैसे पर भरोसा किया था, अब मुश्किल में पड़ सकते हैं। इस स्थिति के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं, जिससे लोगों की liquidity प्रभावित होगी।
तो अब सवाल उठता है कि एक आम टैक्सपेयर क्या करे?
1. **ईमानदारी से ITR भरें:** हमेशा सही जानकारी और वैध दस्तावेजों के साथ ही अपना ITR फाइल करें। किसी भी तरह के फर्जी क्लेम से बचें।
2. **पुराने रिकॉर्ड्स साफ रखें:** अगर आपका कोई पुराना टैक्स नोटिस या डिमांड पेंडिंग है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं।
3. **दस्तावेज तैयार रखें:** अगर आपने कोई बड़ा रिफंड क्लेम किया है, तो उससे जुड़े सभी दस्तावेज जैसे कि निवेश के सबूत, किराए की रसीदें, डोनेशन की रसीदें आदि संभाल कर रखें। अगर विभाग कोई सवाल पूछता है तो आपके पास जवाब तैयार होना चाहिए।
यह स्पष्ट है कि इनकम टैक्स विभाग अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके टैक्स चोरी और गलत क्लेम को रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुका है। यह कदम ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए थोड़ी परेशानी पैदा कर सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह एक पारदर्शी और बेहतर tax compliance व्यवस्था बनाने में मदद करेगा। फिलहाल, अपने रिफंड का इंतजार करने वालों को धैर्य रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका अपना टैक्स रिकॉर्ड बिल्कुल साफ-सुथरा हो।