HUL ने 92 साल का इतिहास बदला: प्रिया नायर बनीं पहली महिला CEO, ‘ट्रेनी’ से टॉप तक का सफ़र

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कॉर्पोरेट इंडिया में टूटा ‘ शीशे का सीलिंग’

मुंबई: भारतीय कॉर्पोरेट जगत में आज एक नया इतिहास रच दिया गया है। देश की सबसे बड़ी FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनी, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL), ने एक ऐसा ऐलान किया है जो आने वाले कई सालों तक नजीर बनेगा। कंपनी ने अपने 92 साल के लंबे इतिहास में पहली बार एक महिला को अपनी बागडोर सौंपने का फैसला किया है। प्रिया नायर HUL की नई मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ़ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) होंगी। यह सिर्फ एक नियुक्ति नहीं है, यह उस ‘शीशे की छत’ को तोड़ने जैसा है, जो अक्सर महिलाओं को कॉर्पोरेट जगत के शिखर पर पहुँचने से रोकती है।

यह फैसला उस दिन आया है जब HUL अपने एक नए अध्याय (‘next chapter’) में प्रवेश करने के लिए तैयार है। प्रिया नायर, जो वर्तमान में HUL की पैरेंट कंपनी यूनिलीवर में ग्लोबल प्रेसिडेंट (Beauty & Wellbeing) के पद पर हैं, 1 अगस्त, 2025 से यह नई और चुनौतीपूर्ण भूमिका संभालेंगी। वह मौजूदा CEO रोहित जावा की जगह लेंगी, जिनका दो साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इस ऐतिहासिक फैसले ने न केवल HUL के भीतर, बल्कि पूरे भारतीय उद्योग जगत में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि काबिलियत और अनुभव का कोई जेंडर नहीं होता।

‘मैनेजमेंट ट्रेनी’ से MD और CEO तक का सफ़र

प्रिया नायर की कहानी दृढ़ संकल्प, मेहनत और दूरदर्शिता की एक मिसाल है। यह किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है, जहाँ एक युवा मैनेजमेंट ट्रेनी अपनी काबिलीयत के दम पर उसी कंपनी का सर्वोच्च पद हासिल करती है। प्रिया ने 1995 में एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में HUL के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। सिम्बायोसिस (Symbiosis) से MBA की डिग्री हासिल करने के बाद, उन्होंने पिछले लगभग तीन दशकों में कंपनी के भीतर विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।

उन्होंने अपने करियर के दौरान सेल्स और मार्केटिंग के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। HUL के होम केयर, पर्सनल केयर और ब्यूटी डिवीजनों में उनके काम ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया। उनकी लीडरशिप में कई सफल ब्रांड्स लॉन्च हुए और उन्होंने बाजार में HUL की पकड़ को और मज़बूत किया। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें पैरेंट कंपनी यूनिलीवर में वैश्विक भूमिका दी गई, जहाँ वह वर्तमान में ब्यूटी एंड वेलबीइंग जैसे महत्वपूर्ण सेगमेंट की ग्लोबल प्रेसिडेंट हैं। यह अनुभव उन्हें न केवल भारतीय बाजार की गहरी समझ देता है, बल्कि एक ग्लोबल perspective भी प्रदान करता है, जो HUL जैसी विशाल कंपनी को चलाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उनकी यह यात्रा साबित करती है कि वह इस पद के लिए सिर्फ एक सांकेतिक चुनाव नहीं, बल्कि एक स्वाभाविक और योग्य दावेदार हैं।

जावा का छोटा कार्यकाल और नायर के सामने चुनौतियां

प्रिया नायर की नियुक्ति के साथ ही, निवर्तमान CEO रोहित जावा के अपेक्षाकृत छोटे कार्यकाल पर भी चर्चा हो रही है। जावा ने लगभग दो साल तक कंपनी का नेतृत्व किया। हालांकि उनके पद छोड़ने के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन इतने कम समय में लीडरशिप बदलना हमेशा इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बनता है।

अब जब प्रिया नायर 1 अगस्त, 2025 को यह ज़िम्मेदारी संभालेंगी, तो उनका कार्यकाल पाँच वर्षों का होगा। उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। भारतीय FMCG बाजार बेहद प्रतिस्पर्धी है। एक तरफ जहाँ पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला है, वहीं दूसरी तरफ नए D2C (डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर) ब्रांड्स भी तेजी से अपनी जगह बना रहे हैं। प्रिया को HUL के विशालकाय जहाज को इन नई चुनौतियों के बीच न केवल सुरक्षित रखना होगा, बल्कि उसे विकास की और तेज़ गति भी देनी होगी। उन्हें इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर और ज़्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा। उनका ब्यूटी और वेलबीइंग सेगमेंट का वैश्विक अनुभव इस दिशा में एक बड़ा ‘asset’ साबित हो सकता है, क्योंकि यह सेगमेंट भविष्य के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, एक पावरफुल ‘Statement’

प्रिया नायर की नियुक्ति को सिर्फ HUL के आंतरिक नेतृत्व परिवर्तन के रूप में देखना गलत होगा। यह भारतीय कॉर्पोरेट जगत के लिए एक पावरफुल ‘statement’ है। HUL जैसी ‘bellwether’ (पथप्रदर्शक) कंपनी जब ऐसा कदम उठाती है, तो इसका असर पूरे इकोसिस्टम पर पड़ता है। यह फैसला अन्य कंपनियों को भी अपनी लीडरशिप में लैंगिक विविधता (gender diversity) को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित करेगा।

यह दिखाता है कि कंपनियाँ अब प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए पुरानी धारणाओं को तोड़ रही हैं। एक ऐसे समय में जब ESG (Environmental, Social, and Governance) पर ज़ोर बढ़ रहा है, लीडरशिप में विविधता एक महत्वपूर्ण पैमाना बन गया है। प्रिया नायर की नियुक्ति इस बात का प्रमाण है कि HUL भविष्य के लिए तैयार है और वह उन मूल्यों को अपना रहा है जो एक आधुनिक और प्रगतिशील संगठन की पहचान हैं।

अब सभी की निगाहें 1 अगस्त, 2025 पर टिकी हैं, जब प्रिया नायर CEO का पद संभालेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी लीडरशिप में HUL किन नई ऊंचाइयों को छूता है। फिलहाल, यह पल जश्न का है – न केवल HUL के लिए, बल्कि भारत की हर उस महिला के लिए जो बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है।

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