दलाल स्ट्रीट पर एक और बड़ी दस्तक, Bio-Tech कंपनी का Mega IPO
भारतीय शेयर बाजार में IPO का मौसम एक बार फिर गरमा गया है। प्राइमरी मार्केट में एक के बाद एक कंपनियां दस्तक दे रही हैं और निवेशकों को कमाई का मौका दे रही हैं। इसी कड़ी में अब एक और बड़ा नाम जुड़ने जा रहा है—एंथम बायोसाइंसेज (Anthem Biosciences)। बेंगलुरु स्थित यह कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग संगठन (CRDMO) अपना ₹3,395 करोड़ का विशाल इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लेकर आ रहा है।
प्राइवेट इक्विटी (Private Equity) फर्म ट्रू नॉर्थ (True North) द्वारा समर्थित, इस कंपनी ने अपने IPO के लिए सभी महत्वपूर्ण डिटेल्स का ऐलान कर दिया है, जिससे दलाल स्ट्रीट पर हलचल तेज़ हो गई है। कंपनी ने इश्यू के लिए प्राइस बैंड तय कर दिया है और यह 14 जुलाई, 2025 को निवेशकों के लिए खुल जाएगा। यह IPO हेल्थकेयर और बायोटेक सेक्टर में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, लेकिन इसमें निवेश करने से पहले इसकी बारीकियों को समझना बेहद ज़रूरी है, खासकर यह कि यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है।
IPO का पूरा Calculation: प्राइस बैंड, साइज़ और वैल्यूएशन
किसी भी IPO में निवेश करने से पहले उसके आंकड़ों को समझना सबसे ज़रूरी होता है। एंथम बायोसाइंसेज के IPO के आंकड़े काफी प्रभावशाली हैं:
- प्राइस बैंड (Price Band): कंपनी ने अपने ₹2 की फेस वैल्यू वाले शेयरों के लिए प्राइस बैंड ₹540 से ₹570 प्रति शेयर तय किया है। रिटेल निवेशकों को हमेशा कट-ऑफ प्राइस पर ही बिड लगानी चाहिए।
- IPO का कुल साइज़ (Total Issue Size): यह IPO कुल ₹3,395 करोड़ का है। यह हाल के दिनों में आने वाले बड़े IPOs में से एक है।
- कंपनी का वैल्यूएशन (Company Valuation): अगर हम प्राइस बैंड के ऊपरी स्तर, यानी ₹570 प्रति शेयर, पर गणना करें, तो कंपनी का कुल मूल्यांकन (Valuation) ₹31,800 करोड़ से भी ज़्यादा बैठता है। यह आंकड़ा बताता है कि कंपनी बाज़ार में एक मज़बूत खिलाड़ी के तौर पर लिस्ट होना चाहती है।
- सब्सक्रिप्शन की तारीख (Subscription Date): यह IPO निवेशकों के लिए सोमवार, 14 जुलाई, 2025 को खुलेगा। इसके बंद होने और लिस्टिंग की तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा।
यह सिर्फ Offer for Sale (OFS) है, इसका क्या मतलब है?
यह इस IPO की सबसे महत्वपूर्ण और ध्यान देने वाली बात है। एंथम बायोसाइंसेज का यह ₹3,395 करोड़ का IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (Offer for Sale – OFS) है। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
जब कोई कंपनी IPO लाती है, तो वह दो तरीकों से फंड जुटा सकती है—फ्रेश इश्यू (Fresh Issue) या ऑफर फॉर सेल (OFS)।
फ्रेश इश्यू में, कंपनी नए शेयर जारी करती है और उससे मिलने वाला पैसा सीधा कंपनी के खजाने में जाता है, जिसका इस्तेमाल कंपनी अपने विस्तार, कर्ज चुकाने या दूसरे कामों के लिए करती है।
लेकिन ऑफर फॉर सेल (OFS) में, कंपनी कोई नया शेयर जारी नहीं करती। बल्कि, कंपनी के मौजूदा शेयरधारक (जैसे प्रमोटर या शुरुआती निवेशक) अपने हिस्से के शेयर आम जनता को बेचते हैं। इससे मिलने वाला सारा पैसा उन शेयरधारकों की जेब में जाता है, न कि कंपनी को।
एंथम बायोसाइंसेज के मामले में, मौजूदा शेयरधारक 5.96 करोड़ शेयर बेच रहे हैं। इसका मतलब है कि IPO से जुटाए गए ₹3,395 करोड़ कंपनी के विकास कार्यों में नहीं लगेंगे, बल्कि यह उन शुरुआती निवेशकों को एक एग्जिट (Exit) का रास्ता देगा जिन्होंने कंपनी में पहले निवेश किया था, जिसमें PE फर्म ट्रू नॉर्थ भी शामिल है। निवेशकों के लिए यह जानना ज़रूरी है क्योंकि वे कंपनी के भविष्य के विस्तार के लिए नहीं, बल्कि उसके मौजूदा बिज़नेस मॉडल और प्रदर्शन पर दांव लगा रहे होंगे।
क्या करती है Anthem Biosciences?
एंथम बायोसाइंसेज बेंगलुरु में स्थित एक कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग संगठन (CRDMO) है। इसका बिज़नेस मॉडल काफी मज़बूत और अनोखा है। यह कंपनी दूसरी बड़ी दवा (Pharma), बायोटेक (Biotech), और एग्रोकेमिकल कंपनियों को अपनी सेवाएं देती है।
इसका काम किसी प्रोडक्ट के शुरुआती रिसर्च से लेकर उसके डेवलपमेंट, क्लिनिकल ट्रायल और अंत में बड़े पैमाने पर उसकी मैन्युफैक्चरिंग तक फैला हुआ है। आसान शब्दों में, यह बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए एक ‘वन-स्टॉप सलूशन’ (one-stop solution) की तरह काम करती है, जो उनके R&D और प्रोडक्शन का बोझ कम करती है। भारत के बायोटेक हब बेंगलुरु में स्थित होने के कारण, इसे टैलेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर का भी भरपूर फायदा मिलता है।
निवेशकों के लिए क्या हैं मायने?
एंथम बायोसाइंसेज का IPO कई मायनों में दिलचस्प है। एक तरफ, यह एक प्रॉफिटेबल और स्थापित बिज़नेस मॉडल वाली कंपनी है जो एक तेज़ी से बढ़ते हुए सेक्टर में काम करती है। प्राइवेट इक्विटी फर्म ट्रू नॉर्थ का निवेश इसमें संस्थागत विश्वास को दिखाता है।
हालांकि, दूसरी तरफ, इसका भारी-भरकम वैल्यूएशन (₹31,800 करोड़) और पूरी तरह से OFS होना कुछ निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर सकता है। जब प्रमोटर या शुरुआती निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचते हैं, तो यह अक्सर बाज़ार में एक संकेत के रूप में देखा जाता है कि उन्हें लगता है कि कंपनी का वैल्यूएशन अपने चरम पर है।
निवेशकों को यह तय करना होगा कि क्या कंपनी का मौजूदा प्रदर्शन और भविष्य की विकास दर इस महंगी कीमत को सही ठहराती है। यह IPO उन लोगों के लिए है जो एक स्थिर, स्थापित बिज़नेस में निवेश करना चाहते हैं, न कि किसी ऐसी कंपनी में जो IPO के पैसे से तूफानी विस्तार करने की योजना बना रही हो।
अब सबकी नज़रें 14 जुलाई पर टिकी हैं, जब यह इश्यू खुलेगा। देखना यह होगा कि दलाल स्ट्रीट के निवेशक इस महंगी वैल्यूएशन वाली बायोटेक कंपनी पर कितना भरोसा जताते हैं।