Starc का ‘Century Test’! Jamaica में गुलाबी गेंद से इतिहास रचने को तैयार, 400 विकेट पर नज़र

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एक सदी का सफर, एक नए इतिहास की दहलीज़ पर Starc!

क्रिकेट की दुनिया में कुछ लम्हे ऐतिहासिक होते हैं। जब कोई खिलाड़ी अपनी मेहनत, लगन और जुनून के दम पर 100 टेस्ट मैचों का पहाड़ जैसा पड़ाव पार करता है, तो यह सिर्फ उसका नहीं, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत का जश्न होता है। और अब यह जश्न मनाने की बारी है ऑस्ट्रेलिया के उस तूफानी गेंदबाज़ की, जिसकी यॉर्कर और स्विंग होती गेंदों ने दुनिया के बड़े-बड़े बल्लेबाज़ों को घुटने टेकने पर मजबूर किया है – मिचेल स्टार्क! जमैका के सबीना पार्क में जब स्टार्क अपना 100वां टेस्ट खेलने उतरेंगे, तो यह सिर्फ एक और मैच नहीं होगा। यह एक ऐसे ‘warrior’ के सफ़र का सम्मान होगा, जो अब एक और बड़ी उपलब्धि, 400 टेस्ट विकेट, से महज़ 5 कदम दूर है।

लेकिन इस कहानी में एक और दिलचस्प मोड़ है। स्टार्क का यह ‘Century Test’ एक साधारण मैच नहीं, बल्कि एक डे-नाइट, पिंक-बॉल टेस्ट है। और जब बात गुलाबी गेंद की हो, तो मिचेल स्टार्क का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। वह सिर्फ एक गेंदबाज़ नहीं, बल्कि इस फॉर्मेट के ‘master’ हैं, एक ऐसा शिकारी जो दूधिया रोशनी में और भी ख़तरनाक हो जाता है। यह महज़ एक संयोग नहीं, बल्कि शायद किस्मत का लिखा एक ऐसा script है, जहां एक बादशाह अपने सबसे पसंदीदा मैदान पर अपनी सल्तनत का सबसे बड़ा जश्न मनाने जा रहा है।

गुलाबी गेंद का शहंशाह: जब Starc की गेंदों ने बरपाया था कहर

मिचेल स्टार्क को ‘pink-ball master’ क्यों कहा जाता है, इसका सबसे बड़ा सबूत दिसंबर 2024 में एडिलेड में भारत के खिलाफ खेले गए डे-नाइट टेस्ट में मिला था। उस मैच में स्टार्क ने जो प्रदर्शन किया, वह आज भी क्रिकेट फैंस के ज़हन में ताज़ा है। उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 48 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे। यह कोई मामूली स्पेल नहीं था; यह भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम पर एक सर्जिकल स्ट्राइक थी। विराट कोहली और केएल राहुल जैसे दिग्गज उनके सामने बेबस नज़र आए।

स्टार्क की आग उगलती गेंदों का ही नतीजा था कि मज़बूत भारतीय टीम अपनी पहली पारी में महज़ 180 रनों पर ढेर हो गई, जो एडिलेड में किसी भी पिंक-बॉल टेस्ट का सबसे कम पहली पारी का स्कोर था। उस एक स्पेल ने मैच का रुख ऑस्ट्रेलिया की तरफ मोड़ दिया था। इसी मैच के दौरान, स्टार्क ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ चौथे ऐसे गेंदबाज़ बने थे, जिसने घरेलू ज़मीन पर 350 टेस्ट विकेट लेने का कारनामा किया हो। यह आंकड़ा बताता है कि वह अपने घर में कितने बड़े ‘beast’ हैं। उनकी गेंदें जब गुलाबी रंग में रंगी होती हैं, तो उनमें एक अलग ही धार और swing आ जाती है, जो बल्लेबाज़ों के लिए एक बुरा सपना बन जाती है। खासकर बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए तो वह एक ‘menace’ रहे हैं, जिनका एंगल और इनस्विंगर खेलना लगभग नामुमकिन सा हो जाता है।

आंकड़ों का बादशाह: 100 टेस्ट और 400 विकेट की दहलीज़

एक तेज गेंदबाज के लिए 100 टेस्ट मैच खेलना अपने आप में एक Everest चढ़ने जैसा है। यह फिटनेस, अनुशासन और लगातार बेहतरीन प्रदर्शन का प्रमाण है। स्टार्क ने यह सब कर दिखाया है। अब जब वह अपने 100वें टेस्ट के लिए तैयार हैं, तो उनकी नज़रें एक और बड़े milestone पर हैं – 400 टेस्ट विकेट। क्रिकेट के इतिहास में गिने-चुने गेंदबाज़ ही इस क्लब में शामिल हो पाए हैं, और स्टार्क इससे सिर्फ 5 विकेट दूर हैं।

यह उपलब्धि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के महानतम गेंदबाज़ों की सूची में और ऊपर ले जाएगी। उनका करियर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है। वह एक ‘impact player’ हैं, जो अपने दम पर मैच का पासा पलट सकते हैं। उनकी शुरुआती सफलता, जिसमें वह तेज़ी से विकेट चटकाते हैं, अक्सर ऑस्ट्रेलिया की जीत की नींव रखती है। उनकी आक्रामक शैली और विकेट लेने की भूख उन्हें अपने दौर के अन्य गेंदबाज़ों से अलग बनाती है। 100 टेस्ट का अनुभव और 400 विकेट की दहलीज पर खड़ा यह खिलाड़ी आज भी उतना ही भूखा और ख़तरनाक है, जितना अपने करियर की शुरुआत में था।

Jamaica की चुनौती और विरासत का सवाल

जमैका का सबीना पार्क पहली बार पिंक-बॉल टेस्ट की मेज़बानी कर रहा है। पिच और हालात कैसे होंगे, यह अभी भी एक रहस्य है। जैसा कि एक रिपोर्ट में कहा गया, “‘Might be a few things going on’ as Sabina Park makes pink-ball debut,” जो इस मैच को और भी अप्रत्याशित और रोमांचक बनाता है। स्टार्क के लिए यह चुनौती और भी बड़ी है। उन्हें न सिर्फ अपने 100वें टेस्ट के दबाव को संभालना है, बल्कि इन नई परिस्थितियों में टीम के आक्रमण की अगुवाई भी करनी है।

लेकिन बड़े खिलाड़ी बड़ी चुनौतियों से ही बनते हैं। मिचेल स्टार्क ने अपने करियर में कई बार यह साबित किया है। यह मैच सिर्फ एक व्यक्तिगत milestone नहीं है, यह उनकी विरासत (legacy) को और मज़बूत करने का एक मौका है। जब वह गुलाबी गेंद हाथ में लेकर अपने 100वें टेस्ट में रन-अप पर दौड़ेंगे, तो उनकी आंखों में 400वें शिकार की चमक होगी। यह लम्हा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होने वाला है। दुनिया भर के क्रिकेट फैंस यह देखने के लिए बेताब हैं कि क्या ‘पिंक-बॉल का शहंशाह’ अपने इस ऐतिहासिक मौके को एक और यादगार performance के साथ और भी ख़ास बना पाएगा।

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