Monaco Diamond League में भारत को बड़ा झटका: बुरी तरह गिरे Asian Champion अविनाश साबले, रेस से बाहर

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Monaco Diamond League में भारत को बड़ा झटका: बुरी तरह गिरे Asian Champion अविनाश साबले, रेस से बाहर

Monaco की जगमगाती रोशनी और दुनिया के top athletes के बीच, भारत की उम्मीदें अपने सबसे भरोसेमंद track and field star, अविनाश साबले पर टिकी थीं। लेकिन शुक्रवार की रात, खेल की क्रूरता ने अपना सबसे भयावह चेहरा दिखाया। भारत के Asian Champion, 3000 मीटर स्टीपलचेज़ के बेताज बादशाह, अविनाश साबले एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए और Monaco Diamond League में अपनी रेस पूरी नहीं कर सके। यह सिर्फ एक DNF (Did Not Finish) नहीं था, यह भारत की पदक की उम्मीदों पर एक गहरा आघात था, एक ऐसा पल जिसने पूरे देश के खेल प्रेमियों की सांसें थाम दीं।

अविनाश साबले, जो अपनी ज़बरदस्त endurance और बाधाओं को पार करने की अपनी बेजोड़ तकनीक के लिए जाने जाते हैं, रेस की शुरुआत में आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे। उनकी लय और गति बता रही थी कि वह एक और शानदार performance देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। लेकिन 400 मीटर का मार्क पार करते ही, नियति ने कुछ और ही सोच रखा था।

वो पल जब सब कुछ थम गया

Steeplechase की रेस को एथलेटिक्स की सबसे कठिन स्पर्धाओं में से एक माना जाता है, और इसका सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होता है ‘water jump’। यह वो बाधा है जहाँ अच्छे-अच्छे धावक लड़खड़ा जाते हैं। अविनाश के लिए भी यही दूसरा water jump एक बुरे सपने जैसा साबित हुआ। जैसे ही वह बाधा पार करने के लिए उछले, उनका संतुलन बिगड़ गया। एक पल के लिए ऐसा लगा कि वह संभल जाएंगे, लेकिन अगले ही क्षण वह बुरी तरह से track पर गिर पड़े।

यह एक ‘nasty fall’ था। स्टेडियम में मौजूद दर्शक और commentators एक पल के लिए सन्न रह गए। उनका गिरना इतना अप्रत्याशित और गंभीर था कि उन्होंने तुरंत रेस से हटने का फैसला कर लिया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस गिरावट के कारण उन्हें चोट भी आई है, जिसने उन्हें competition से बाहर होने पर मजबूर कर दिया। भारत का champion दर्द में था, और Monaco का track उसकी टूटी हुई उम्मीदों का गवाह बन रहा था। यह एक बड़ा setback है, जिसने उनके प्रशंसकों को निराश और चिंतित कर दिया है।

चोट कितनी गंभीर? भविष्य पर मंडराते सवाल

इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल अविनाश की injury की गंभीरता को लेकर है। अभी तक उनकी टीम या Athletics Federation of India की तरफ से कोई official statement जारी नहीं किया गया है। लेकिन इस स्तर के competition में गिरने का मतलब अक्सर गंभीर चोटें होता है, जो एक एथलीट के पूरे season को प्रभावित कर सकती हैं।

क्या यह चोट उन्हें आने वाले प्रमुख टूर्नामेंटों से बाहर कर देगी? उनकी recovery में कितना समय लगेगा? ये ऐसे सवाल हैं जो हर भारतीय खेल प्रेमी के मन में उठ रहे हैं। अविनाश सिर्फ एक एथलीट नहीं हैं, वह भारत के लिए एक पदक की गारंटी माने जाते हैं। उनका इस तरह से रेस से बाहर होना न केवल इस competition के लिए बल्कि आने वाले बड़े events के लिए भी एक चिंता का विषय है। पूरा देश अब उनकी चोट पर एक positive update का इंतज़ार कर रहा है और उनके जल्द से जल्द track पर दमदार comeback की दुआ कर रहा है।

निराशा के बीच उम्मीद की किरण: अनिमेष कुजूर

जहाँ एक तरफ अविनाश साबले के गिरने से निराशा का माहौल था, वहीं दूसरी ओर एक और भारतीय एथलीट ने Monaco में अपने प्रदर्शन से उम्मीद की एक नई किरण जगाई। भारत के युवा sprinter, अनिमेष कुजूर ने Under-23 200 मीटर रेस में हिस्सा लिया और एक शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया।

Diamond League जैसे प्रतिष्ठित मंच पर, जहाँ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीट हिस्सा लेते हैं, Under-23 category में भी चौथा स्थान हासिल करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। अनिमेष ने दिखाया कि भारत का भविष्य sprinting में भी उज्ज्वल है। भले ही वह पोडियम फिनिश से चूक गए, लेकिन उनकी performance यह साबित करती है कि भारतीय एथलेटिक्स सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। एक senior एथलीट के दुर्भाग्यपूर्ण दिन पर, एक junior एथलीट का यह साहसिक प्रदर्शन निश्चित रूप से काबिले-तारीफ है।

कुल मिलाकर, Monaco Diamond League भारत के लिए एक मिली-जुली भावनाओं वाला दिन रहा। एक तरफ अविनाश साबले का दर्दनाक पतन था, तो दूसरी तरफ अनिमेष कुजूर का प्रेरणादायक प्रदर्शन। खेल इसी का नाम है – यहाँ जीत और हार, खुशी और गम साथ-साथ चलते हैं। अब सभी की निगाहें अविनाश साबले की recovery पर टिकी हैं, क्योंकि एक champion का असली इम्तिहान गिरने के बाद उठकर फिर से दौड़ने में ही होता है।

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