क्रिकेट के ‘Universe Boss’ अब बनेंगे ‘Made in India’ खेल के Ambassador
कल्पना कीजिए, क्रिकेट का मैदान है, T20 का रोमांच अपने चरम पर है, और ‘Universe Boss’ Chris Gayle छक्कों की बरसात कर रहे हैं। लेकिन इस बार कुछ अलग है। उनके सिर पर जो हेलमेट है, वह किसी बड़ी international brand का नहीं, बल्कि भारत के पुणे शहर में जन्मे एक स्वदेशी खेल ‘रोलबॉल’ का है। यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक हकीकत बनने जा रहा है। Indian Roll Ball League (IRBL) ने एक ऐसी strategic partnership की घोषणा की है, जो भारत के एक गुमनाम से खेल को दुनिया के सबसे बड़े मंच पर पहुँचाने का दम रखती है।
इस ऐतिहासिक पहल में Chris Gayle के साथ वेस्टइंडीज के दो और दिग्गज, Kieron Pollard और Dwayne Bravo भी शामिल हैं। ये तीनों खिलाड़ी 2025 में होने वाली World Championship of Legends (WCL) में रोलबॉल के हेलमेट पहनकर क्रिकेट खेलेंगे। यह सिर्फ एक marketing gimmick नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है जिसके ज़रिए क्रिकेट की अपार लोकप्रियता का इस्तेमाल करके भारत के अपने खेल को global recognition दिलाने की कोशिश की जा रही है। यह कदम उस खेल के लिए एक बड़ी छलांग है, जो अब तक महाराष्ट्र की गलियों से निकलकर दुनिया के मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था।
क्या है यह ‘रोलबॉल’? पुणे की गलियों से निकला एक अनोखा खेल
इससे पहले कि हम इस partnership के महत्व को समझें, यह जानना ज़रूरी है कि आखिर यह रोलबॉल है क्या? रोलबॉल का जन्म 2003 में भारत के पुणे शहर में हुआ था। यह एक बेहद ही अनोखा और तेज़ रफ़्तार वाला खेल है, जिसे ‘बास्केटबॉल ऑन स्केट्स’ भी कहा जा सकता है। यह खेल बास्केटबॉल, हैंडबॉल और रोलर-स्केटिंग का एक दिलचस्प मिश्रण है।
इसमें दो टीमें होती हैं, हर टीम में 6 खिलाड़ी होते हैं। खिलाड़ी रोलर स्केट्स पहनकर एक हार्ड कोर्ट पर खेलते हैं और उन्हें गेंद को ड्रिबल करते हुए विरोधी टीम के गोल पोस्ट में डालना होता है। यह खेल न सिर्फ खिलाड़ियों की physical fitness और stamina की परीक्षा लेता है, बल्कि उनके balance, skill और teamwork को भी परखता है। अपनी शुरुआत के बाद से, रोलबॉल ने भारत और कुछ अन्य देशों में अपनी जगह बनाई है, लेकिन इसे अभी भी वह वैश्विक पहचान नहीं मिली है जिसका यह हकदार है। IRBL का यह नया कदम इसी कमी को पूरा करने की एक साहसिक कोशिश है।
Strategic Partnership: क्यों चुने गए वेस्टइंडीज के खिलाड़ी?
IRBL का Chris Gayle, Kieron Pollard और Dwayne Bravo जैसे खिलाड़ियों को चुनना एक masterstroke है। ये खिलाड़ी सिर्फ वेस्टइंडीज में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की T20 leagues में अपनी धाक जमा चुके हैं। भारत से लेकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तक, इनकी fan following करोड़ों में है। इनकी flamboyant personality और खेल का आक्रामक अंदाज़ उन्हें युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बनाता है।
जब Gayle जैसा global icon रोलबॉल का हेलमेट पहनकर मैदान पर उतरेगा, तो करोड़ों लोगों के मन में यह सवाल ज़रूर आएगा – ‘यह क्या है?’। यह जिज्ञासा ही इस खेल के प्रमोशन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम होगी। यह partnership दिखाती है कि कैसे दो अलग-अलग खेल एक कॉमन लक्ष्य के लिए साथ आ सकते हैं। यह cross-sport promotion का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ क्रिकेट की विशाल पहुँच का लाभ एक उभरते हुए खेल को दिया जा रहा है। यह सिर्फ एक हेलमेट पहनने की बात नहीं है, यह दो खेलों की संस्कृतियों का मिलन है।
World Championship of Legends (WCL): प्रमोशन के लिए सबसे बड़ा मंच
इस प्रमोशन के लिए World Championship of Legends (WCL) से बेहतर मंच और कोई नहीं हो सकता था। यह tournament retired और दिग्गज क्रिकेटरों को एक बार फिर एक्शन में देखने का मौका देता है। इस tournament की viewership दुनिया भर में होती है, क्योंकि फैंस अपने पुराने heroes को फिर से मैदान पर देखने के लिए उत्साहित रहते हैं। जब Pollard और Bravo जैसे खिलाड़ी रोलबॉल हेलमेट में दिखेंगे, तो यह खबर दुनिया भर के sports media में सुर्खियाँ बटोरेगी।
यह partnership रोलबॉल को तुरंत global media coverage देगी, जिसे हासिल करने में उसे शायद कई और साल लग जाते। यह एक झटके में उस खेल को limelight में ला देगा, जिसके बारे में अभी बहुत कम लोग जानते हैं। WCL 2025 अब सिर्फ क्रिकेट का tournament नहीं रहेगा, बल्कि यह एक भारतीय खेल के वैश्विक उदय का गवाह भी बनेगा।
भविष्य की राह: क्या यह Partnership गेम चेंजर साबित होगी?
इस partnership के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। सबसे पहला और सीधा असर रोलबॉल की visibility पर पड़ेगा। जब बच्चे अपने क्रिकेटिंग idols को एक नए खेल को promote करते देखेंगे, तो उनकी रुचि भी इस खेल में बढ़ेगी। यह भारत में grassroots level पर रोलबॉल को बढ़ावा दे सकता है।
दूसरा, यह international sports federations और sponsors का ध्यान भी इस खेल की ओर आकर्षित कर सकता है। जब किसी खेल के साथ Gayle और Pollard जैसे बड़े नाम जुड़ जाते हैं, तो उसकी commercial value अपने आप बढ़ जाती है। इससे भविष्य में रोलबॉल को ज़्यादा funding और बेहतर infrastructure मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
यह पहल ‘Vocal for Local’ का एक बेहतरीन उदाहरण भी है। यह दिखाती है कि कैसे भारतीय अपने स्वदेशी खेलों को global stage पर ले जाने के लिए innovative तरीके अपना रहे हैं। यह सिर्फ रोलबॉल के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य स्वदेशी खेलों जैसे खो-खो और कबड्डी के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। अंत में, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्रिकेट के इन दिग्गजों का ‘Midas touch’ रोलबॉल को कहाँ तक ले जाता है। लेकिन एक बात तो तय है – पुणे की गलियों से निकला यह खेल अब एक लंबी छलांग लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।