मेरा प्यार उसे बदल देगा: ‘Animal’ पर बयान देकर बुरी फंसीं रश्मिका मंदाना, National Crush को लोगों ने किया Brutally Troll!

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एक बयान और सोशल मीडिया पर मचा ‘तूफान’

स्टारडम एक दोधारी तलवार है। यह आपको ‘National Crush’ का ताज पहनाता है, तो वहीं आपकी एक छोटी सी चूक या एक बयान आपको सोशल मीडिया की अदालत में मुजरिम भी बना सकता है। कुछ ऐसा ही हुआ है एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के साथ। अपनी क्यूटनेस और एक्टिंग से लाखों दिल जीतने वाली रश्मिका आज अपने एक बयान को लेकर बुरी तरह ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। मामला जुड़ा है ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘एनिमल’ और उसके बेहद विवादित किरदार से, जिसे निभाने वाले रणबीर कपूर थे।

हाल ही में जानी-मानी पत्रकार बरखा दत्त के साथ एक बातचीत में रश्मिका से एक ऐसा सवाल पूछा गया जिसने इस पूरे विवाद की आग लगा दी। उनसे पूछा गया कि क्या वे असल ज़िंदगी में ‘एनिमल’ के किरदार जैसे किसी लड़के को डेट करेंगी? इस पर रश्मिका का जवाब न सिर्फ ‘हाँ’ में था, बल्कि उसके पीछे का तर्क और भी हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा, “हाँ, मैं एनिमल में रणबीर के किरदार जैसे लड़के को असल ज़िंदगी में डेट करूँगी – और मुझे विश्वास है कि मेरा प्यार उसे बदल देगा। मैं सच में मानती हूँ, अगर कोई आपसे प्यार करता है, तो बदलाव ज़रूर होगा।”

बस, यही वो लाइन थी जिसने इंटरनेट पर ‘तूफान’ ला दिया। उनका यह बयान जैसे ही पब्लिक डोमेन में आया, Reddit से लेकर X (पूर्व में ट्विटर) तक पर लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया। देखते ही देखते, रश्मिका मंदाना ट्रेंड करने लगीं, लेकिन तारीफ के लिए नहीं, बल्कि आलोचना और trolling के लिए।

‘मेरा प्यार उसे बदल देगा’: आखिर इस सोच से क्यों भड़के लोग?

अब सवाल उठता है कि रश्मिका के इस बयान में ऐसा क्या था कि लोग इतना भड़क गए? इसे समझने के लिए हमें ‘एनिमल’ के किरदार को समझना होगा। संदीप रेड्डी वांगा की इस फिल्म ने कमाई के रिकॉर्ड तोड़े, लेकिन इसके मुख्य किरदार ‘रणविजय सिंह’ पर टॉक्सिक मर्दानगी (toxic masculinity), हिंसा और महिला-विरोधी सोच को बढ़ावा देने के गंभीर आरोप लगे। वह एक ऐसा किरदार था जो अपनी पत्नी (जिसका रोल खुद रश्मिका ने निभाया था) पर हाथ उठाता है, उसे धोखा देता है और हर तरह से उसे कंट्रोल करने की कोशिश करता है।

ऐसे में जब रश्मिका ने कहा कि वे ऐसे किरदार को ‘प्यार से बदलने’ में विश्वास रखती हैं, तो लोगों ने इसे एक बेहद पिछड़ी और खतरनाक सोच माना। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने उन्हें याद दिलाया कि एक हिंसक और अपमानजनक पार्टनर को प्यार से बदलने की सोच (‘I can fix him’ mentality) असल ज़िंदगी में कई महिलाओं के लिए कितनी घातक साबित हुई है।

Reddit पर उन्हें ‘brutally’ ट्रोल किया गया। एक यूज़र ने लिखा, “उन्होंने यहाँ गड़बड़ कर दी। सही जवाब होना चाहिए था: ‘नहीं, मैं एनिमल के रणबीर कपूर के किरदार को डेट नहीं करूँगी…’।” कुछ ट्रोलर्स ने तो हद पार करते हुए उन्हें ‘bimbo’ (एक खूबसूरत लेकिन कम अक्ल महिला के लिए इस्तेमाल होने वाला अपमानजनक शब्द) तक कह डाला। लोगों का गुस्सा इस बात पर था कि एक पढ़ी-लिखी और सफल एक्ट्रेस, जो लाखों लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल है, वो ऐसी प्रतिगामी सोच को कैसे बढ़ावा दे सकती है?

जब रश्मिका ने कहा: ‘National Crush’ का टैग अब काम नहीं आता

इस पूरे विवाद के बीच रश्मिका का एक और बयान सामने आया है, जो उनकी एक अलग और ज़्यादा प्रैक्टिकल साइड दिखाता है। PTI के साथ एक बातचीत में उन्होंने अपने ‘National Crush’ वाले टैग पर बात की। उन्होंने कहा कि वे इस प्यार के लिए शुक्रगुज़ार हैं, लेकिन उनका करियर अब इस टैग पर निर्भर नहीं करता। करियर में आगे बढ़ने के लिए दर्शकों की सराहना और फिल्मों की बॉक्स ऑफिस सफलता ज़्यादा मायने रखती है।

यह बयान दिखाता है कि रश्मिका एक तरफ जहाँ प्यार और रिश्तों को लेकर एक आदर्शवादी (idealistic) सोच रखती हैं, वहीं दूसरी तरफ वे अपने करियर को लेकर बेहद यथार्थवादी (pragmatic) हैं। वे जानती हैं कि इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए सिर्फ टैग्स नहीं, बल्कि performance और results चाहिए। लेकिन शायद यही दोहरापन लोगों को पसंद नहीं आया। एक तरफ इतनी प्रैक्टिकल सोच और दूसरी तरफ एक ‘toxic’ किरदार को प्यार से बदलने की बात, लोगों को यह हज़म नहीं हुआ।

क्या Reel और Real Life में फर्क भूल गईं रश्मिका?

यह पूरा मामला कई गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या एक्टर्स अपने किरदारों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि वे रील और रियल लाइफ के बीच की रेखा को भूल जाते हैं? या फिर यह सिर्फ एक ‘off the cuff’ दिया गया बयान था जिसे ज़रूरत से ज़्यादा तूल दिया जा रहा है? कारण जो भी हो, इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पब्लिक फिगर होने की कीमत क्या होती है। आपकी हर बात को माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर जांचा जाता है।

रश्मिका मंदाना का यह बयान उनके लिए एक बड़ा सबक हो सकता है। उन्हें यह समझना होगा कि जब वे कुछ कहती हैं, तो उसे सिर्फ एक व्यक्ति का बयान नहीं, बल्कि ‘National Crush’ का बयान माना जाता है, जिसका असर लाखों युवाओं पर पड़ सकता है। उम्मीद है कि वे इस विवाद से सीख लेंगी और भविष्य में अपने शब्दों का चयन ज़्यादा सावधानी से करेंगी। फिलहाल, सोशल मीडिया की अदालत ने तो अपना फैसला सुना दिया है, और इस बार फैसला ‘National Crush’ के खिलाफ गया है।

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