SW19 में महामुकाबले की घड़ी: सेमीफाइनल का मंच तैयार
टेनिस की दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम, विंबलडन, अपने अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुका है। घास के इस हरे कोर्ट पर हफ्तों तक चले संघर्ष के बाद अब सिर्फ चार-चार महारथी महिला और पुरुष सिंगल्स में बचे हैं, जिनकी निगाहें उस चमचमाती ट्रॉफी पर टिकी हैं। क्वार्टर फाइनल के रोमांचक मुकाबलों के बाद, 2025 विंबलडन के सेमीफाइनल का लाइन-अप तय हो गया है और यह किसी ‘blockbuster’ फिल्म के क्लाइमेक्स से कम नहीं है। पुरुषों के ड्रॉ में, महान नोवाक जोकोविच का सामना टॉप सीड और युवा सनसनी यानिक सिनर से होगा। वहीं, महिलाओं के ड्रॉ में एक नया इतिहास रचा जा रहा है, जहाँ इगा स्वियातेक और बेलिंडा बेनचिच, दोनों ही अपने करियर में पहली बार विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुँची हैं।
लंदन के SW19 में अब माहौल गरमा चुका है। एक तरफ अनुभव और महानता है, तो दूसरी तरफ युवा जोश और इतिहास बदलने की भूख। जोकोविच अपनी विरासत को और मज़बूत करना चाहेंगे, तो सिनर उन्हें चुनौती देने के लिए तैयार हैं। उधर, स्वियातेक और बेनचिच के पास खोने को कुछ नहीं और पाने को पूरा जहां है। यह सेमीफाइनल सिर्फ फाइनल में जगह बनाने की लड़ाई नहीं है, यह टेनिस के वर्तमान और भविष्य के बीच की एक ज़ोरदार टक्कर है।
पुरुषों का सेमीफाइनल: अनुभव बनाम युवा जोश
पुरुषों के ड्रॉ का सेमीफाइनल किसी सपने के सच होने जैसा है। एक तरफ हैं नोवाक जोकोविच, जिनके नाम अनगिनत रिकॉर्ड हैं और जो इस कोर्ट के बेताज बादशाह माने जाते हैं। दूसरी तरफ हैं इटली के 23 वर्षीय यानिक सिनर, जो इस समय दुनिया के टॉप सीड खिलाड़ी हैं और अपनी आक्रामक शैली से किसी को भी मात देने का दम रखते हैं।
सिनर ने क्वार्टर फाइनल में अमेरिका के 10वीं वरीयता प्राप्त बेन शेल्टन को सीधे सेटों में 7-6 (7/2), 6-4, 6-4 से हराकर अपनी शानदार फॉर्म का परिचय दिया। इस मैच से पहले उनकी दाहिनी कोहनी की चोट को लेकर कुछ चिंताएँ थीं, लेकिन शेल्टन के खिलाफ उनके दमदार प्रदर्शन ने उन सभी चिंताओं को दूर कर दिया है। सिनर ने दिखाया कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से इस बड़ी चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
वहीं, नोवाक जोकोविच ने अपने क्वार्टर फाइनल में इटली के ही फ्लेवियो कोबोली को हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। जोकोविच के लिए विंबलडन का सेंटर कोर्ट उनके घर के आंगन जैसा है। उनका अनुभव और बड़े मैचों का दबाव झेलने की क्षमता उन्हें हमेशा खतरनाक बनाती है। जोकोविच बनाम सिनर का यह मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि दो पीढ़ियों के बीच का संघर्ष है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सिनर का युवा जोश जोकोविच के अपार अनुभव पर भारी पड़ेगा, या जोकोविच एक बार फिर साबित करेंगे कि किंग अभी भी वही हैं।
महिलाओं का सेमीफाइनल: एक नया चैंपियन तय
इस साल विंबलडन को एक नई महिला फाइनलिस्ट मिलना तय है, क्योंकि सेमीफाइनल में भिड़ने वाली दोनों खिलाड़ी, इगा स्वियातेक और बेलिंडा बेनचिच, पहली बार इस टूर्नामेंट के अंतिम चार में पहुँची हैं। यह दोनों के लिए एक बहुत बड़ा मौका है और दोनों ही खिलाड़ी इसे हाथ से जाने नहीं देना चाहेंगी।
पोलैंड की इगा स्वियातेक, जो 2018 में यहीं पर जूनियर चैंपियन बनी थीं, ने आखिरकार सीनियर लेवल पर भी ग्रास कोर्ट पर अपनी बादशाहत साबित करनी शुरू कर दी है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में शानदार जीत दर्ज कर अपने पहले विंबलडन सेमीफाइनल में जगह बनाई। क्ले कोर्ट की क्वीन मानी जाने वाली स्वियातेक ने दिखा दिया है कि वह हर सतह पर खतरनाक हैं।
उनका सामना होगा स्विट्जरलैंड की 28 वर्षीय बेलिंडा बेनचिच से। बेनचिच का सफर भी प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में रूस की 17 वर्षीय टीनएज सनसनी और 7वीं वरीयता प्राप्त मिरा आंद्रीवा को एक कड़े मुकाबले में 7-6(3), 7-6 से हराया। यह मैच अनुभव की जीत थी, जहाँ बेनचिच ने अहम मौकों पर संयम बनाए रखा और युवा आंद्रीवा को कोई मौका नहीं दिया। अब गुरुवार, 10 जुलाई को जब स्वियातेक और बेनचिच आमने-सामने होंगी, तो यह सिर्फ एक टेनिस मैच नहीं होगा, बल्कि अपने सपनों को सच करने का एक सुनहरा अवसर होगा।
आगे क्या? फाइनल की राह
अब सारी नज़रें इन दो महामुकाबलों पर टिकी हैं। जोकोविच और सिनर के बीच का मैच ताकत, रणनीति और मानसिक दृढ़ता का एक अद्भुत प्रदर्शन होने की उम्मीद है। विजेता को फाइनल में पहुँचने का इनाम मिलेगा, जहाँ वह एक और खिताब के लिए लड़ेगा।
दूसरी ओर, स्वियातेक और बेनचिच के बीच का मैच यह तय करेगा कि कौन सी खिलाड़ी पहली बार विंबलडन के फाइनल में कदम रखेगी। यह मैच दोनों के लिए करियर को परिभाषित करने वाला पल हो सकता है। विंबलडन 2025 का क्लाइमेक्स अब बस कुछ ही कदम दूर है, और टेनिस प्रेमी इन रोमांचक मुकाबलों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।